देश में सभी नागरिक
आजीवन स्वस्थ व निरोग रहें इस हेतु स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली का अनुसरण एवं सर्व
साधारण के लिये चिकित्सा की सुलभता परम आवश्यक है। आज देश में जहां अस्वास्थ्यकर
जीवन शैली से उत्पन्न होनेवाले रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं
चिकित्सा सेवाएं महंगी होने से ये सामान्य नागरिकों की पहुंच से बाहर होती जा रही
हैं। परिणामस्वरूप, अनगिनत परिवार ऋणग्रस्त हो रहे हैं अथवा
परिवार के कार्यशील सदस्यों का रोगोपचार नहीं हो पाने की दशा में बड़ी संख्या में
परिवारों का जीवन यापन भी कठिन हो रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस स्थिति पर
गहरी चिंता व्यक्त करती है।
उत्तम स्वास्थ्य के लिए
स्वास्थ्यवर्द्धक आहार-विहार व जीवनचर्या, सात्विकता,
आध्यात्मिक वृत्ति, योग, दैनिक व्यायाम व स्वच्छता को महत्व दिया जाना आवश्यक है। शिशुओं का
समयोचित टीकाकरण होना चाहिए। समाज सभी प्रकार के नशे से मुक्त हो यह भी अत्यन्त
महत्वपूर्ण है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का मानना है कि स्वयंसेवकों सहित देश के
सभी जागरूक नागरिकों को इस दिशा में जनजागरण के व्यापक प्रयास करने चाहिए। चिकित्सा
सेवाओं के बड़े नगरों में केन्द्रित होने से देशभर में दूरस्थ व ग्रामीण क्षेत्रों
में चिकित्सा सुविधाओं का भारी अभाव है। सभी स्तरों पर इन सुविधाओं व चिकित्साकर्मियों
की भारी कमी और भर्ती, जांच व उपचार के लिए लम्बी प्रतीक्षा
सूचियों के कारण बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा सुविधा से वंचित रह जाते हैं।
चिकित्सा शिक्षा की बढ़ती लागतें भी देश में चिकित्सा सेवाओं के मंहगा होने एवं
उनकी गुणवत्ता व विश्वसनीयता में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। देश में महिलाओं व
शिशुओं सहित सभी नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता वाली सब
प्रकार की चिकित्सा सेवाएं उनके द्वारा वहन करने योग्य लागत पर सुलभ होनी चाहिये।
इस हेतु देशभर में विशेषकर ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों तक सभी प्रणालियों की सब प्रकार
की चिकित्सा सेवाओं का सुचारू विस्तार आवश्यक है। चिकित्सा में निरन्तरता व
विशेषज्ञ परामर्श हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का भी प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।
देश में अनेक स्थानों
पर विविध सामाजिक, धार्मिक व सामुदायिक संगठनों द्वारा दानशीलता व
परोपकार के भाव से संचालित चिकित्सालयों में सामान्य समाज का उपचार अत्यन्त
प्रभावी व न्यायसंगत रीति से किया जा रहा है। समाज के ऐसे अनुकरणीय प्रयासों में
भी शासकीय सहयोग का विस्तार आवश्यक है। प्रतिनिधि सभा ऐसे सभी प्रयासों की सराहना
करते हुए देश के उद्यम समूहों, स्वैच्छिक व सामाजिक संगठनों
व दानशील न्यासों आदि का आवाहन करती है कि उन्हें इस दिशा में और आगे आना चाहिए।
इस दृष्टि से सार्वजनिक व सामुदायिक सहभागिता एवं सहकारी संस्थानों को बढ़ावा दिया
जाना चाहिए।
पिछले कुछ वर्षों में
कई राज्यों में प्रारम्भ की गई नि:शुल्क औषधि वितरण योजनाएं एवं केन्द्र सरकार द्वारा
हाल के बजट में 3000 जेनेरिक औषधि केन्द्रों का प्रस्ताव
स्वागत योग्य है। दवाईयों के मूल्य को आम व्यक्ति की पहुंच में लाने हेतु जेनेरिक
औषधियों को प्रोत्साहन, औषधि-मूल्यों
पर प्रभावी नियन्त्रण, एवं पेटेण्ट व्यवस्था को मानवोचित
बनाया जाना आवश्यक है। औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु उनके सभी प्रकार
के नियमित प्रयोगशाला परीक्षण भी होने चाहिए। आयुर्वेदिक, यूनानी
व अन्य पद्धतियों की औषधियों का प्रमापीकरण व उनके परीक्षण की विधियों का विकास भी
महत्वपूर्ण है।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि
सभा स्वयंसेवकों सहित सभी देशवासियों, स्वैच्छिक संगठनों व सरकार का आवाहन करती है कि
सभी नागरिकों के जीवन को निरामय बनाने हेतु स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्या, शिशु व जननी स्वास्थ्य रक्षा और कुपोषण व नशा विमुक्ति हेतु समाज जागरण के
प्रयास करें। केन्द्र व राज्य सरकारों से आग्रह है कि सभी प्रकार की स्वास्थ्य
सेवाओं की सर्वसाधारण के लिए सुलभता हेतु पर्याप्त संसाधन आवंटन करते हुए इन
सेवाओं में अपेक्षित ढांचागत, नीतिगत व प्रक्रियागत सुधार
करने चाहिए। इसके लिए देश में सभी प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों के समन्वित विस्तार,
नियमन, शिक्षण व अनुसन्धान को समुचित
प्रोत्साहन देवें तथा नियामक व्यवस्था व वैधानिक प्रावधानों को पारदर्शिता पूर्वक
लागू करें।
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