Wednesday, June 25, 2014

रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर शत शत नमन !

          24 जून रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के रूप में सारे देश में मनाया जाता है। इसी दिन गोंडवाना की रानी दुर्गावती ने  रण भूमि में लड़ते लड़ते वीरगति को प्राप्त हुई थी। गोंडवाना राज्य के इतिहास में रानी दुर्गावती का महत्वपूर्ण स्थान है, जिन्होंने गोंडवाना राज्य के विकास के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।
          मध्यप्रदेश के जबलपुर में रानी दुर्गावती के नाम से  एक विश्वविद्यालय भी स्थापित है जहाँ पर एक साथ कई विषयों की पढाई कराइ जाती है। मेरे ख्याल से रानी दुर्गावती की कर्मस्थली रही मध्यप्रदेश जैसे राज्य के लिए रानी दुर्गावती को सबसे बड़ी श्रधांजलि है। इसके बाद की बड़ी श्रधांजलि मुझे याद नहीं आती।
         मुझे लगता है गढ़ा मंडला जैसे विकसित राज्य जिसे गोंडवाना राज्य के नाम से भी जाना जाता रहा  के योगदान को अब तक पर्याप्त सम्मान नहीं मिल पाया है। छात्तिश्गढ़ राज्य में तो अभी तक उनके स्मरण की खबर ध्यान में नहीं आता है जो की इस समाज के अस्मिता को प्रभावित करता है।
          इस वर्ष तो मुझे छात्तिश्गढ़ जैसे जनजातीय राज्य में इन आदिवासी अस्मिता के प्रतीको के प्रति शर्धांजलि सभा का आयोजन नहीं किया जाना एक तरह से देश की आजादी में जनजातीय समाज के योगदान को विस्मृत किये जाने जैसा मालूम पड़ता है।