Monday, November 3, 2008

प्रणाम.......

गोंडी संस्कृति का विलुप्त होना कोई अछा संकेत नही है....गोंडी संस्कृति अब तक जिन्दा है ये वाकई आश्चर्य जनक है ....क्योंकि गोंडी संस्कृति आज भी अपने आप में कई रहस्य को समेटे हुए है। यही कारन है की गोंडी संस्कृति या आदिवासी संस्कृति मानव शास्त्र के अध्ययन का केन्द्र बिन्दु रहा है। आज भी मानव अध्ययन आदिवासी अध्ययन के बिना अधूरा है।