आदिवासी जनजीवन, आदिवासी संस्कृति पत्रकारिता का पसंदीदा विषयों में शामिल है. चाहे प्रिंट पत्रकारिता हो या टेलिविज़न पत्रकारिता आदिवासी समुदाय का चित्रण होता रहा है . पत्रकारिता की शुरुआत शहरों में हुई , तकनिकी और व्यवस्थागत कारणों से उसका विस्तार भी शहरों में कुछ इस तरह हुआ की वह शहरी समाज और शहरी जनजीवन का अंग हो गया. गांव और आदिवासी पत्रकारिता की प्राथमिकता में तब आते है जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाये.