छत्तीसगढ़ की चुनावी फिजा अब धीरे धीरे आकार लेने लगा है वहीँ निर्वाचन आयोग की भूमिका पर भी टिका टिपण्णी करने में कोई गुरेज नहीं किया जा रहा है। अब तो वक्त ही बताएगा कि ये चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा।
क्योंकि मेरी चंद लाइने शायद इसी वक्त के लिए ही लिखी गई हो.......
" मिलना और बिछुड़ना हर पल,
प्रेम यही है प्रीत यही है ।
हार किसी का जीत किसी की,
जीवन की तो रीत यही है ।।
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