सफर
जिंदगी के चंद लम्हों को,
मैं समेटता चला जा रहा हूं।
मुझे नहीं पता मैं,
कहां जा रहा हूं।
तमन्नाएं बहुत सी,
पर ज़िदगी है कम।
दिलों में कुछ ख्वाब लिए,
चला जा रहा हूं।
मुझे नहीं पता मैं कहां जा रहा हूं।
पत्थर का दिल लिए,
ख्वाबों में मंजिल लिए।
रिस्तों को तोड़कर मैं,
चला जा रहा हूं।
मुझे नहीं पता मैं कहां जा रहा हूं।
दुनिया में ना होगा कोई,
मुझ जैसा तकदीर वाला।
दिल की गहराइयों में लिए ज्वाला मैं,
चला जा रहा हूं।
मुझे नहीं पता मैं कहां जा रहा हूं।
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