नदी है पेड़ है पहाड़ है।
पेड़ पर पक्षियाँ हैं,
पक्षियों की चहचहाहट है।
कभी कभी मै चिड़ियों से बात करता हूँ।
घर पर गाय है बैल है भैंस है
घर की रखवाली के लिए एक कूत्ता है
सभी मेरे से दोस्त हैं।
पास ही एक जंगल है
साल है साजा है डुमर है।
और भी ना जानें कितने अनगिनत पेंड़ है
मैं पेड़ों की पूजा करता हूँ।
जो मेरे गाँव की हर ज़रूरत पूरी करते है।
गाँव मे एक तालाब है
हम सभी साथ में तालाब जाते हैं।
इन्ही से है मेरा जीवन
इनके बिना मैं कुछ भी नहीं।।
धरती, नदियाँ, पेड़ मेरे पुराने साथी हैं
हम सबका रिश्ता है अटूट है, अमर है
जल जंगल जमीन, जन और जानवर।
इन पाँच चीजों मे बसती मेरी आत्मा है।।
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