प्रेम यही है प्रीत यही है,
हार किसी का जीत किसी की
जीवन की तो रीत यही है।।
सुख की इच्छा सब कोई चाहे,
दुख की चाह करे ना कोई।
सुख- दुख के जो फेर ना पड़ता,
जीवन का तो ध्येय यही है।।
रात अंधेरी, दिन है उजाला,
जीवन का है यही फसाना।
धूप छाव के फेर ना पड़ना,
जीवन का संगीत यहीं हैं।।
मिलना और बिछुड़ना हर पल
प्रेम यही है प्रीत यही है,
हार किसी का जीत किसी की
जीवन की तो रीत यही है।।
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