उनके संचार और व्यवहार का हिस्सा हैं,
पेड़ पौधों की बातें अक्सर
हमें सुनाई देतें हैं।
वे अपनी भाषा में हमसे बात करते हैं
हम सभी पहले कभी साथ रहते थे।
साथ साथ बड़े होते थे।
वो मुझसे प्रेम करते थे।
मैं उनके लिये कुछ भी करने के लिए तैयार था।
आज हम अलग अलग हो गये हैं।
मैं उनके साथ नहीं रहता।
वो मुझसे प्रेम भी नहीं करते।
संवेदना तो बहुत है पर
आज मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकता।
बस जो कर सकते हैं उनको
मैं देख सुन व पढ़ ही सकता हूँ
इन अखबारों के माध्यम से।
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