Sunday, September 28, 2025

Chhattishgarh Gondwana Gond Mahasabha

छत्तीसगढ़ गोंडवाना गोड महासभा के सौजन्य से व्यापार मेला का दो दिवसीय आयोजन दिनांक 21 व 22 दिसंबर 2024 को नागारची सामाजिक भवन रायपुर छत्तीसगढ़ में किया गया। जिसमे मुझे भी सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला।
इस प्रकार के आयोजन #सामाजिक_स्वावलंबन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सभी आयोजकों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
व्यापार मेला

जनजाति गौरव समाज

जनजाति गौरव समाज जगदलपुर जिले के तत्वावधान में भगवान् बिरसा मुण्डा जी के 150 वीं जयंती पर जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होने का मौक़ा मिला। कार्यक्रम में जनजाति समाज के गौरवशाली अतीत, बस्तर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों जैसे #वीरनारायण_सिंह, #शहीद_गुण्डाधुर, #गैन्द_सिंग, #रामाधीन_गोंड, #धुरवाराम_मड़िया,#रमोतिन_माड़िया, #वीर_झाड़ा_सिरहा, #जागरतन_भतरा, #हरचंद_नाइक, #सुखदेव_पातर_हल्बा, #चिंतु_हल्बा, #डेबरी_धुर के योगदान पर तथा देश के प्राकृतिक संसाधन, खनिज संसाधन व वन संसाधन कहे जाने वाले #जल #जंगल व #ज़मीन को अपने संघर्षों से संरक्षित व सुरक्षित रखने में जनजाति समाज के योगदान पर व जनजातीय ज्ञान परंपरा के बारे में बात करने का मौक़ा मिला। इस कार्यक्रम ने विशेष रूप से जनजाति गौरव समाज के प्रांत संरक्षक के रूप में #छत्तीशगढ़_राज्य_के_कैबिनेट_मंत्री_श्रीमान_केदार_कश्यप जी, संत आर्शीवचन के निमित्त #वासूदेव_जी_महाराज ( #अलेख_महिमा) , #श्री_विनायक_गोयल_जी_विधायक_चित्रकूट, संभाग अध्यक्ष श्री #तुलूराम_जी, संभाग उपाध्याय श्री #परिस_राम_बेसरा, जिला अध्यक्ष श्री #संतोष_नाग जी एवं #समरसता की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए अन्य सगा-समाजों के 40 अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में भगवान् बिरसा मुण्डा जी का पुजा अर्चना करके भगवान बिरसा मुंडा चौक के लिये प्रस्तावित भूमि का भूमि पुजन किया गया। जनजाति गौरव दिवस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्रीमान केदार कश्यप जी के द्वारा मंच से दो प्रकार का घोषणा किया गया जिसमें पहला जगदलपुर के पी जी महाविद्यालय चौक को अब से #बिरसा_मुण्डा_चौक से जाना जायेगा तथा दूसरा अगले वर्ष 15 नवम्बर 2025 को भगवान बिरसा मुण्डा जी की आदमकद मूर्ति का अनावरण जायेगा। जनजाति गौरव समाज जगदलपुर के सभी सगाजनों को हार्दिक शुभकामनाएँ।

Sunday, September 21, 2025

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को अपना पहला पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को अपना पहला पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय के कठाडीह परिसर में आयोजित यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में 2007 से लेकर 2025 तक के 100 से अधिक पूर्व छात्र शामिल हुए।
मुख्य अतिथि और कुलपति महादेव कावरे (आईएएस) ने इस सम्मेलन को विश्वविद्यालय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन पूर्व छात्रों और उनके विश्वविद्यालय के बीच मजबूत संबंध स्थापित करेगा, जिससे विश्वविद्यालय समृद्ध होगा और आजीवन संबंध मजबूत होंगे।
कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने भी पूर्व छात्रों से उनके सहयोग की अपील की। उन्होंने नवगठित पूर्व छात्र संघ को अपने योगदान के माध्यम से विश्वविद्यालय की प्रगति में मदद करने के लिए सकारात्मक कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण "एक पेड़ माँ के नाम" शीर्षक से वृक्षारोपण अभियान था। प्रत्येक पूर्व छात्र ने परिसर में एक पौधा लगाया, जो विकास, स्मृति और स्थिरता का प्रतीक था। प्रतिभागियों को परिसर का एक निर्देशित दौरा भी कराया गया, जिसमें टीवी स्टूडियो, रेडियो स्टेशन, पुस्तकालय और छात्रावास शामिल थे।

Thursday, September 18, 2025

मंजिल

अनजान मुशफिर तुम भी हो, 
अनजान मुशफिर हम भी हैं.
अनजान डगर ये क्या जाने, 
रस्ते पे कहीं एक मंजिल भी है.

सरिता की धारा को हमने, 
क्या यूँ ही बहते देखा है.
जल की धारा क्या जाने है, 
इस रस्ते पे कहीं मंजिल भी है.

अनजान निशाना को आखिर, 
कब तक यूँ ही साधोगे.
तीर बेचारा क्या जाने,
कहीं तुम्हारी मंजिल भी है.

यौवन

जितने यौवन हो गये तुमसे, 
उतने यौवन बीते होंगे.
हर यौवन मे सावन आये, 
उतने यौवन मीठे होंगे.

अथक प्रशंसा ना हो मुझसे, 
फिर भी सावन मीठा होगा.
तेरा यौवन जैसे सावन, 
श्रृंगार सामने झूठा होगा.

तेरे यौवन की तरुणाई, 
जैसे सावन घिर घिर आई. 
यौवन को तुम पल्लवित करना, 
वरना साजन रूठा होगा.

Wednesday, September 17, 2025

सफलता

परिस्थितियों की धूप-छाँव में,
राहें बनतीं अपने आप में।
सफलता कोई संयोग नहीं,
यह विज्ञान है—नियम यही।
बीज मिले तो अंकुर फूटे,
मेहनत से ही सपने छूटे।
जब घटक सब जुड़ जाते हैं,
निश्चित फल तब आ जाते हैं।
संघर्षों से मत डर जाना,
हर नियम को अपनाना।
परिस्थितियाँ जब साथ मिलेंगी,
सफलता निश्चित हाथ आएगी।